गांव गांव में विवाहित महिलाओं ने पति की लंबी उम्र के लिए किया वट सावित्री पूजा तथा सावित्री व्रत कथा का किया श्रवण l
वट सावित्री का व्रत प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है. इस दिन शादीशुदा महिलाओं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और वट के पेड़ की पूजा करती हैं. इस बार वट सावित्री व्रत 6 जून यानी आज ही मनाया जा रहा है
वट सावित्री पूजा विवाहित महिलाओं ने उपवास रहकर वट वृक्ष की पूजा अर्चना करते हैं और वट वृक्ष को लम्बी धागे से परिक्रम कर बांधते हैं इस पूजा में महिलाओं ने सोलह श्रृंगार एवं अनेक फल एकत्रित कर पूजा अर्चना करते हैं और अपने अपने पतिदेव के पैर को जल दूध से धोकर अमृत के रूप में पीते हैं एवं पति का आशीर्वाद प्राप्त करते है
वट सावित्री व्रत का महत्व
वट सावित्री व्रत सती सावित्री से जुड़ा है. सावित्री की कथा के अनुसार देवी सावित्री ने पति के प्राणों की रक्षा के लिए विधि के विधान को बदल दिया था. अपने सतीत्व और कठोर तपस्या से सावित्री ने यमराज को अपने पति सत्यवान के प्राण लौटाने पर विवश कर दिया था. यमराज ने वट वृक्ष के नीचे ही सत्यवान के प्राण लौटाए थे और वरदान भी दिया था कि जो सुहागिने वट वृक्ष की पूजा करेंगी उन्हें अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद मिलेगा.